Thursday, July 22, 2010

बढता ही जाऊँगा

मैं ना रुकूँगा

ना ही हारूँगा

बस प्रयास के रास्ते

बढता ही जाऊँगा !!

 

सपने संजोकर

कर्मठ की कसौटी पर

आशा के दीप जला

बढता ही जाऊँगा !!

 

नदिया का बहना

सूरज का उगना

सीख लेकर प्रकृति से

बढता ही जाऊँगा !!

मेरी आवाज

Monday, July 19, 2010

यादें

कुछ यादें ऐसी होती हैं

जो भूले ना जाती हैं

इनका स्मरण

खुसी के आँसुओं

से मुझे

ओस की बूंदों की भांति

प्रुफुल्लित कर देता है

 

मानस पर अंकित ये यादें

मंद मंद बयार की भाँती

मुझे सपनों में ले जाती हैं

अपनी गोद में लिटा कर

माँ के आँचल सा

आभास दे जाती हैं

 

मैं सोचता सा रहता हूँ

विवश करता हूँ

खुद को

उन यादों में फिर से जाने को

उन्मुक्त है मन

फिर से

वही राग गाने को

जो अब बसता है

सिर्फ यादों के आसमाँ में

 

मैं मस्त मौला

फिक्र से दूर

अरमानो के समुन्दर में

डुबकी लगा लगा कर

विचारों की उद्वेलना से दूर

तटों की खोज से बेपरख

अपनों के वटवृक्ष जैसी छाया तले

दो वक्त की रोटी

सुकून से खा रहा था

 

महत्वाकांक्षा की आंधी ने

विचारों को ऐसा उद्वेलित किया

मन ही मन सपनों के जाल बुन

पता नहीं कैसी उधड़बुन

के चक्रवातों में फँसा

झूठे दिलासे देता रहा

मन को बहलाने के तरीके ढूंढता फिरता

ऐसे चक्रव्यूह में जा घुसा

जहाँ सिर्फ यादें ही मनोहारी हैं  ….

 

तर्कों के तीर

आवेशों के वेग

वर्तमान को जीने की देते हैं सीख

यादों का इन्द्रधनुषी रूप

शीतल करता

फिर से वहीं बुलाता

जहाँ से शुरू हुई थी ये दौड

 

मेरी आवाज

Friday, July 16, 2010

परिवर्तन

परिवर्तन ही तो मुझको

चलायमान कर जाता

वरना मेरे भावों को

कौन प्रखर कर पाता

बीते पल  सुमधुर यादों के

शायद विस्मृत हो जाते

परिवर्तन नकार के पन्ने

इतिहास न बनने पाते

 

मेरी आवाज

Saturday, July 10, 2010

एक लड़की

एक लड़की
भोली भाली
नाक सुनकती
धीरे धीरे चलती
विद्यालय जाती
जब वापस आती
खिलखिलाती
मुस्काती
सबको हँसाती


मेरी आवाज