एक बालक
खिलौने की तलाश में
अपनी मंजिल तलाशता
खोजता, उतरता, चढ़ता
सूर्य, चंद्र और आकाश
को भी पाने की अभिलाषा रखता
हर राह को उकेरता
आशामय हो निहारता
उद्वेलित हो मग्न रहता
जीतने की आशा दोहराता
मंजिल पाने तक
प्रयासरत ही रहता
चींटी की भाँती
जीत कर ही विश्राम लेता !!!
5 comments:
जाट पहेली- 24 का सही जवाब
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ताऊ पहेली - 100 का सही जवाब
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भारत प्रशन मंच - १९ का सही जवाब
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यही तो जुझारूपन हर बच्चे में चाहिये।
sunder pics ke sath bhavo se bhari sunder rachna.......
अच्छी सोच है।
बहुत सुन्दर बातें कहीं आपने...इन छोटी-छोटी कविताओं में...बधाई!
हाँ...कुछेक टाइपिंग-दोष रह गये हैं...यदि इस पर भी ध्यान देते रहें तो और भी सुन्दर...!
जैसे- ‘भाँती’... की जगह ‘भाँति’ होना चाहिए था।
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