लौह कूटती बंजारिन
घर घर जाती बंजारिन
गाली देती बंजारिन
जीवन जीती बंजारिन
मंडल अध्यक्षा मिसरायिन
राजनीति में मिसरायिन
भाषण देती मिसरायिन
रोती रहती मिसरायिन
मेरी आवाज
मैं यहाँ पर अपनी कविताओ का परिचय आपके साथ कराने की कोशिश कर रहा हूँ, आशा करता हूँ की आपको मेरी रचनायें पसंद आयेंगी |
2 comments:
त्यागी जी, बंजारे तो अपने फक्कडपन के लिए प्रसिद्ध है। बहुत ही सार्थक कविता, बधाई।
त्यागी जी,
अच्छी लगी आपकी कवितायें - सुंदर, सटीक और सधी हुई।
मेरे पास शब्द नहीं हैं!!!!
tareef ke liye..
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