Wednesday, November 10, 2010

अमेरिकन बाबू बेचे जात हैं …एक कविता

भैया भारत लगता तो बड़ा संपन्न है

पर विदेशी लोग खाए जात हैं

और अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है

जनता बेचारी कान पकडे ही जात है

और कांग्रेस पार्टी राज करे ही जात है

देश को घोटालों से लूटे ही जात है

अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है

देश की प्रतिभा पलायन करे ही जात है

और एक प्रतिभा राष्ट्रपति बने ही जात है

पर कुछ करे नहीं पात है

देश गरीब होये जात है

अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है

विपक्ष खूब सीटें जीते जात है

पर संसद में ये भी सोये रहत है

बात बात पर धक्का मुक्की होती रहत है

वोट करते में खुद ही बिक जात है

अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है ….

 

मेरी आवाज

5 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत मजेदार, ऑडियो भी डाल दें।

Arvind Mishra said...

...राम त्यागी बाबू बताये जात हैं ...... :)

ZEAL said...

भैया भारत लगता तो बड़ा संपन्न है

पर विदेशी लोग खाए जात हैं

और अमेरिकन बाबू अपनी चीजें बेचे जात है

जनता बेचारी कान पकडे ही जात है ...

jabardast vyang !
kaash log samjhein !

.

mridula pradhan said...

achcha vyang hai .

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

त्‍यागी जी, बहुत बढिया पैरोडी बनाई है आपने। यथार्थ भी और व्‍यंग्‍य भी।

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मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।
भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।