Saturday, November 13, 2010

हठीला

एक बालक

खिलौने की तलाश में

अपनी मंजिल तलाशता

खोजता, उतरता, चढ़ता

सूर्य, चंद्र और आकाश

को भी पाने की अभिलाषा रखता

हर राह को उकेरता

आशामय हो निहारता

उद्वेलित हो मग्न रहता

किड्स जब ज्येष्ठ को देखता

जीतने की आशा दोहराता

मंजिल पाने तक

प्रयासरत ही रहता

चींटी की भाँती

जीत कर ही विश्राम लेता !!! 

 

मेरी आवाज

5 comments:

बंटी "द मास्टर स्ट्रोक" said...

जाट पहेली- 24 का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/24.html
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ताऊ पहेली - 100 का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/100.html
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भारत प्रशन मंच - १९ का सही जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/blog-post_13.html

प्रवीण पाण्डेय said...

यही तो जुझारूपन हर बच्चे में चाहिये।

उपेन्द्र नाथ said...

sunder pics ke sath bhavo se bhari sunder rachna.......

देवेन्द्र पाण्डेय said...

अच्छी सोच है।

जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauhar said...

बहुत सुन्दर बातें कहीं आपने...इन छोटी-छोटी कविताओं में...बधाई!

हाँ...कुछेक टाइपिंग-दोष रह गये हैं...यदि इस पर भी ध्यान देते रहें तो और भी सुन्दर...!

जैसे- ‘भाँती’... की जगह ‘भाँति’ होना चाहिए था।