Sunday, January 18, 2009

भारत की बीमारी

बहुत दुख देती है मेरे भारत की बीमारी मुझे
नाटक सा लगता है आज का ये विकास जहाँ सब कुछ है पर कुछ भी नहीं
कोई नही सुनता आज भी गरीब की, कोई नही देखता भूखे किसान को
न्याय के गलियारे हो या फिर सत्ता की बिसातें, हर जगह बिकती है ईमानदारी
आज भी पिसता है लड़की का बाप दहेज की चिंता में, बेरोजगार चुप है मगर म्रत है भत्ते की आड़ में सच्चाई को दबा रखा है सरकार के सम्मानो ने जो नही लांघ पाते मेट्रो की दीवारें
विधायिका पर दोगलो का राज है, तो अर्थव्यवस्था पर चुनिंदा लोगो का ही हक़ है
कैसे में कह सकता हू आज मेरा भारत महान है जहा पर सिर्फ राजनीतिक गुंडो का राज है
कहने को तो हमने खोल रखे है निशुल्क अस्पताल देनी पड़ती है शुल्क खून बेचकर वहाँ जिंदगी के उन रखवालो को जो पता नही कब बेच दे आपकी किडनी या शरीर को
क्यूँकि मेरे भारत में सजा अब गुडो को कहा कम पैसे वाले को मिलती है
अधिवक्ता पैसे लेकर कैसा भी केस जिता सकता है, समाचार वालो को ये सब रातो रात अमीर बना सकता है
हर कोई पैसे के लिए मरने मारने और संस्क्रती बेचने तैयार है
क्यूँ की ये पैसा ही आज के भारत की ताकत बन गया है
ये मेरे हिंनदुस्तां को कैसा रोग हो गया है जहा हर कोई सिद्धांतो को कचरे में फेक रहा है
गांधीजी की तो सिर्फ मूर्ति लगाते है, राम के अस्तित्वा के लिए टीके लिखे जाते है
सब कुछ मिटाने के लिए तैयार हो जाते है , अगर डॉलर वाली कंपनी वहाँ जमीन लेती है
मायावती के लिए सुरक्षा एसरायल से आती है पर यू पी के गरीब की लड़की विद्यालय 45 कि. मी. चलकर जाती है
सोनिया वायु मार्ग से गावों का भ्रमण करती है, उन्ही गांवो में एक 100 रुपये के लिए किसान आत्महत्या कार लेता है
ये कैसी राजनीति है जहाँ रोजगार पाते ही आप करोरो में बात करने लगते हो
बी जे पी अपने सम्मेलन के लिए लाखो रुपये साजो सजा में बहा देती है और पास वाले गावन् में सूखे की मार है
ये बीमारी नही तो क्या है जहाँ दिखता तो सब सुंदर है पर अंदर से सब खोखला है
स्वस्थ शरीर पर ही सुंदर कपड़े सोभा देते है, नही तो ये मजाक सा लगते है
गांवो के विकास से ही भारत सजता है नही तो ये बीमार सा और नंगा सा लगता है

1 comment:

जयदीप शेखर said...

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-JD